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अडानी द्वारा सीमेंट कारखानों को बन्द करने भड़की सीटू शिमला डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन,

 

अडानी द्वारा सीमेंट कारखानों को बन्द करने भड़की सीटू शिमला डीसी ऑफिस के बाहर किया प्रदर्शन,

अडानी समूह द्वारा बरमाणा ए सी सी और दाड़लाघाट अम्बुजा सीमेंट प्लांटों को अचानक बन्द करने पर सीटू भड़क गई है। और इसके खिलाफ डीसी ऑफिस शिमला पर प्रदर्शन किया। सीटू ने इन प्लांटों को अडानी कम्पनी द्वारा तानाशाहीपूर्वक गैर कानूनी तरीके से बन्द करने की कड़ी निंदा की है और सरकार से इस कंपनी के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। सीटू ने मांग की है कि इन उद्योगों को तुरन्त शुरू करवाया जाए
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अडानी कम्पनी हिमाचल प्रदेश में तानाशाही व अराजकता पर उतारू है जिसका ताज़ा उदाहरण एसीसी बरमाणा व अम्बुजा दाड़लाघाट सीमेंट प्लांटों को गैरकानूनी तरीके से बन्द करना है। इस से प्रदेश के लगभग दो लाख लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ना तय है। उन्होंने कहा है कि यह सब केंद्र सरकार द्धारा लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों का परिणाम है जिसके कारण अडानी कम्पनी खुली लूट व भारी मुनाफाखोरी करने पर आमदा है। इन कारखानों को अचानक बन्द करने से इनमें काम कर रहे हज़ारों कर्मचारियों और मजदूरों की नौकरी पर संकट पैदा हो गया है। अडानी कम्पनी के इस गैरकानूनी कदम से सीमेंट ढुलान में लगे हज़ारों ट्रक ऑपरेटरों और उनमें काम करने वाले ड्राइवरों व कर्मचारियों का रोज़गार छिन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रों को यह छूट दे दी है कि वे बिना किसी पूर्व सूचना व नोटिस के ऐसा क़दम उठा सकते हैं। उन्होंने अडानी समूह पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फैक्टरी एक्ट और आईडी एक्ट जैसे श्रम क़ानूनों की खुली उल्लंघना की है इसलिए उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए और इन कारखानों को पुनः चालू करने के लिए उचित क़दम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कंपनी की उस दलील को भी हास्यस्पद बताया है जिसमें उसने कहा है कि ये कारखाने घाटे में चल रहे हैं इसलिए इन्हें शट डाउन किया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जो कारखाने मुनाफ़े में थे वे अचानक कैसे घाटे में चले गए। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से इन कारखानों को जल्दी शुरू करवाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है।