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कांग्रेस को ED के जरिए परेशान करने की कोशिश कर रही भाजपा

 

AICC प्रवक्ता अलका लांबा और धनीराम शांडिल की संयुक्त प्रेसवार्ता

हाटी के नाम पर जातियों को बांट रही भाजपा

केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल में पारित किया प्रस्ताव, नहीं बुलाया विशेष सत्र

कांग्रेस को ED के जरिए परेशान करने की कोशिश कर रही भाजपा

हिमाचल कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने EVM पर दिया बड़ा बयान

कहा- कांग्रेस पार्टी को EVM पर नहीं है विश्वास

इलेक्ट्रॉनिक मशीन में आसानी से हो सकती है छेड़छाड़- शांडिल

– सोलन में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की रैली के बाद हिमाचल कांग्रेस खासी उत्साहित नजर आ रही है. शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अलका लांबा और हिमाचल कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी की रैली को हिट शो करार देते हुए हिमाचल प्रदेश में सरकार बदलने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता को प्रियंका गांधी में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छवि नजर आती है. बीते पांच साल में भारतीय जनता पार्टी के विफल कार्यकाल के खिलाफ जनता ने वोट करने का मन बना लिया है.

– इस दौरान अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अलका लांबा ने गिरिपार क्षेत्र की सामान्य जाति वर्ग को जनजातीय क्षेत्र के दर्जा दिए जाने को लेकर भी भाजपा को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दो समुदायों को आपस में बांटने का काम कर रही है. साथ ही जनता को केवल कैबिनेट की मंजूरी के बाद बरगलाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी इसे लेकर वास्तव में गंभीर होती, तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर हाटी के मुद्दे को पारित कर दिखाती. उन्होंने दावा किया कि जनता भाजपा की सच्चाई जानती हैं और कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है.

वहीँ हिमाचल कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के अध्यक्ष धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन में प्रियंका गांधी की रैली से प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं में उत्साह है. धनीराम शांडिल ने ईवीएम पर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को ईवीएम पर भरोसा नहीं है और इलेक्ट्रॉनिक मशीन के साथ आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है. शांडिल ने कहा कि मतदान और परिणाम के दिनों के बीच 25 दिन का अंतर रखा गया है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ की शंका पैदा होती है.