देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 153वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज ही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी 118वीं जन्मतिथि भी मनाई जा रही है। इस अवसर पर शिमला के रिज मैदान पर भी कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं.
रिज मैदान पर मनाए गए मुख्य श्रद्धांजली समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित गणमान्य लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद सीटीओ स्थित शास्त्री चौक मे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि दी गई ।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि देश की ये दोनों विभूतियां राम भगवान मे विश्वास करती थी और राम राज्य की परिकल्पना में विश्वास करते थे. उन्होंने कहा कि जिस ग्रामीण अर्थव्यवस्था , स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को ये दोनों नेता प्राथमिकता देते थे उसी पर आज देश आगे बढ़ रहा है औरएंकर — देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 153वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। आज ही पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी 118वीं जन्मतिथि भी मनाई जा रही है। इस अवसर पर शिमला के रिज मैदान पर भी कार्यक्रम आयोजित किया गया हैं.
रिज मैदान पर मनाए गए मुख्य श्रद्धांजली समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित गणमान्य लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद सीटीओ स्थित शास्त्री चौक मे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि दी गई ।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि देश की ये दोनों विभूतियां राम भगवान मे विश्वास करती थी और राम राज्य की परिकल्पना में विश्वास करते थे. उन्होंने कहा कि जिस ग्रामीण अर्थव्यवस्था , स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को ये दोनों नेता प्राथमिकता देते थे उसी पर आज देश आगे बढ़ रहा है और पूरे विश्व में हमारा एक अलग स्थान मिला है
बाईट– राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर।
विओ – शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि महात्मा गांधी आजादी के संघर्ष से लेकर आने वाले हर युग में प्रासंगिक रहेंगे. वे एक नेता नहीं बल्कि एक महात्मा के रूप मे देश मे अपनाए गए थे। उन्होंने उस समय मे भी आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और बराबरी जैसे विचारों को स्थापित किया था। और आज जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान को छाया है उसके लिए भी प्रेरणा महात्मा गाँधी ही रहे है । उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे नेता थे जिन्होंने देशवासियों को विकट स्थिति में ऐसे जोड़ था कि समूचा देश सप्ताह में एक दिन व्रत कर्ता था ताकि एन के संकट से जूझ पाए। इसके पश्चात जय जवान और जय किसान का नारा भी फलीभूत हुआ था । गांधी की जयंती को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो सामाजिक या राजनीतिक परिवर्तन प्राप्त करने के लिए अहिंसा के उनके दर्शन को रेखांकित करता है
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि महात्मा गांधी आजादी के संघर्ष से लेकर आने वाले हर युग में प्रासंगिक रहेंगे. वे एक नेता नहीं बल्कि एक महात्मा के रूप मे देश मे अपनाए गए थे। उन्होंने उस समय मे भी आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और बराबरी जैसे विचारों को स्थापित किया था। और आज जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान को छाया है उसके लिए भी प्रेरणा महात्मा गाँधी ही रहे है । उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे नेता थे जिन्होंने देशवासियों को विकट स्थिति में ऐसे जोड़ था कि समूचा देश सप्ताह में एक दिन व्रत कर्ता था ताकि एन के संकट से जूझ पाए। इसके पश्चात जय जवान और जय किसान का नारा भी फलीभूत हुआ था । गांधी की जयंती को विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो सामाजिक या राजनीतिक परिवर्तन प्राप्त करने के लिए अहिंसा के उनके दर्शन को रेखांकित करत है।