Latest Posts

भारतीय मजदूर संघ का 67वां स्थापना दिवस, शिमला में किया गया कार्यक्रम का आयोजन

 

भारतीय मजदूर संघ का 67वां स्थापना दिवस, शिमला में किया गया कार्यक्रम का आयोजन

शिमला: भारतीय मजदूर संघ आज अपना 67वां स्‍थापना दिवस मना रहा है। संगठन से जुड़े सभी नेता इसे शून्य से शिखर तक का सफर मानते हैं। भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता एकत्रित हुए।

इस दौरान भारतीय मजदूर संघ हिमाचल के उपाध्यक्ष सुषमा शर्मा ने कहा कि स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश भर के कार्यकर्ता एकत्रित हुए हैं उन्होंने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी ने कड़ी मेहनत से इस संगठन को खड़ा किया. उन्होंने कहा कि साल 1955 से लेकर आज तक भारतीय मजदूर संघ लगातार मजदूरों के हितों को लेकर काम कर रहा है. सुषमा शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी सिलाई-कढ़ाई संघ के हितों के लिए मजदूर संघ लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलकर योजना बनाने को लेकर चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री ने विभाग को स्थाई नीति बनाने के भी निर्देश दिए थे, लेकिन विभाग इस में देरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने में निर्देश देने के बावजूद जुलाई के अंत तक इस बारे में कोई नीति नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे चुनावी साल होने की वजह से जल्दबाजी में निर्णय नीति बनाने के लिए कह दिया गया, लेकिन विभाग ने इसे लेकर तैयारी पूरी नहीं की है। उन्होंने सरकार विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द सिलाई-कढ़ाई संघ के लिए नीति निर्माण किया जाए.

गौरतलब है कि 23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की नींव रखी गई थी। भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री सह केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य रामधारी ने बताया कि 23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की स्थापना मध्‍य प्रदेश के भोपाल में की गई थी। उस समय देश में चार प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, इंटक एचएमएस, और यूटीयूसी का श्रमिक बहुल क्षेत्र में दबदबा था। कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, रेल आदि सरकारी उपक्रम के क्षेत्रों में इन्हीं की तूती बोलती थी। ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने बिना किसी प्रवाह के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।