हिमाचल में सेब सीजन के शुरुआत में ही बागवान जीएसटी और बढ़े हुए कार्टन के दामों पर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदेशभर में सेब बागवानों ने जीएसटी खत्म करने और जम्मू कश्मीर की तर्ज पर समर्थन मूल्य की मांग की।
कार्टन पर जीएसटी लगाने को लेकर बागवान मुखर हो गए हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है ओर बुधवार को शिमला जिला में रोहडू ओर ठियोग में बागवान सड़को पर उतर आए।
संयुक्त किसान मोर्चा की रोहड़ू में रैली का आयोजन किया गया । किसान और बागवानों ने जीएसटी को पूर्ण तरह से समाप्त करने व कश्मीर की तर्ज पर एमएसपी देने की मांग सरकार से की है।
वही किसानों और बागवानों ने कहा कि यदि इसमें कोई भी निर्णय नहीं किया जाता है। तो आने वाले समय में किसान और बागवानों के विरोध जताने के लिए धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल भी करेंगे।
रामेश्वर दास ने कहा कि किसान सभा से जुड़े है वे किसानों की लड़ाई के लिए दिल्ली तक पहुँचे है लेकिन सरकार उन्हें परेशान कर रही है।वही महंगाई के जिस तरह से दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है अब किसान बागवान भी इससे अछूते नही है।
बलदेव सिंह ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने दाल दही दूध चावल में भी जीएसटी लगाया जाएगा वही आने वाले समय में सरकार लोगों की सांसो पर भी टैक्स लगाना शुरू कर देगी।
ग्रेडिंग पैकिंग पर जीएसटी 18 परसेंट पहुंच चुका है उसे भी खत्म किया जाना चाहिए और वही किसानों और बागवानों को जो दवाइयां दी जाती थी उन्हें भी बंद कर दिया गया है किसानों और बागवानों को दवाइयां समय पर दी जाए । कश्मीर की तर्ज पर जो किसानों और बागवानी को समर्थन मूल्य दिया जाता है वही समर्थन मूल्य हिमाचल के किसानों और बागवानों को भी मिलना चाहिए।और जो APMC 2005 एक्ट है उसे भी जल्द लागू किया जाए।