विक्रमादित्य के बयान पर राजनीति गर्म, कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी समेत महिला विधायकों ने खोला मोर्चा, गोद मे बैठने का क्या मतलब बताएं विक्रमादित्य ,इस तरह की भाषा नही होगी सहन
शिमला: चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक गरमाती हुई नजर आ रही है. शनिवार को रोहड़ू में विक्रमादित्य सिंह के बयान को कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी ने निंदनीय और निराशाजनक करार दिया है. शिमला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी, विधानसभा में उप मुख्य सचेतक कमलेश कुमारी, विधायक इंदौरा से विधायक रीता धीमान और पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने विक्रमादित्य सिंह से सवाल किया कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि विक्रमादित्य सिंह गोद में बैठने का क्या मतलब होता है. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह को बोलने से पहले सोचना चाहिए. विधायक ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि रोहड़ू आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है और अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित महिला पर इस तरह की टिप्पणी करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विधायक की महिलाओं को लेकर इस तरह की टिप्पणी पार्टी की मानसिकता को भी दर्शाती है. विक्रमादित्य सिंह को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी मां प्रतिभा सिंह भी एक महिला हैं.
कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि इससे पहले विक्रमादित्य सिंह की माता और हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने गुड़िया को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने गुड़िया रेप केस को एक छोटी वारदात बताया और बाद में इसका ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि दोनों मां-बेटे बयान देने के बाद उसका ठीकरा मीडिया पर फोड़ने की कोशिश करते हैं. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार आते ही गुड़िया सक्षम बोर्ड का गठन किया गया. इसके अलावा गुड़िया हेल्पलाइन के जरिए भी महिलाओं तक सहायता पहुंचाने का काम किया गया. उन्होंने कहा कि बीते साढ़े चार सालों में गुड़िया हेल्पलाइन पर 8 हजार 409 शिकायतें प्राप्त हुई जिनका समाधान किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि गुड़िया हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं की शिकायत का निवारण 24 घंटे में कर मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट सौंपनी होती है. कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी ने महिला सुरक्षा के लिए भाजपा सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की.
पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों ने कैबिनेट मंत्री सरवीन चौधरी और उपस्थित अन्य विधायकों से धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया के मामले को लेकर भी सवाल पूछा. इस पर कैबिनेट मंत्री ने इसे विधायक और उनकी पत्नी का निजी मामला होने की बात कह कर टाल दिया. साथ ही कैबिनेट मंत्री विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज के वायरल चैट के विषय में पूछे गए सवाल पर मुस्कुराती हुई भी नजर आई.