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सुविधाओं का नही कोई नाम ओ निशान खाली जगह को बना दिया बस अड्डा

सुविधाओं का नही कोई नाम ओ निशान खाली जगह को बना दिया बस अड्डा
आईजीएमसी नाला पार्किंग में शिफ्ट हुआ लक्कड़ बाजार बस स्टैंड।
नए स्थान से बसों का संचालन हुआ शुरू, लोगों को आ रही है काफी दिक्कतें

खाली जगह पर बसे तो खड़ा कर दी परन्तु यात्री सुविधा की बात की जाए तो न बैठने को जगह,न पानी ,न शौचालय यहां तक कि बसों की समयसारिणी तक यहां मौजूद नही है जिसके कारण यात्रियों को यह पता तक नही चल रहा कि कौन सी बस कब आएगी और जाएगी।केवल खाली स्थान केवल नाम का बस अड्डा बना दिया गया है।जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।लक्कड़ बाजार बस अड्डे को igmc नाला को स्थानांतरित कर दिया गया है अब ऊपरी क्षेत्रो को यहां से बसे चलना आरम्भ हो गयी है।अब इस नाले में ही यात्रियों को बसों की सुविधा मिलेगी।सोमवार को इस पार्किंग को खाली भी करवा दिया था ताकि यहां से बसों का संचालन शुरू किया जा सके। जिला प्रशासन ने सोमवार से बस अड्डा शिफ्ट करने के आदेश दिए थे लेकिन मंगलवार से नए स्थान से बसें चलना शुरू हो गई है। लेकिन पार्किंग में बिजली, पानी, शौचालय, वर्षा शालिका, इंतजार कक्ष और क्लॉक रूम जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

: वहीं लोगों का कहना है कि एक दम से बस अड्डे को शिफ्ट करने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को 15 दिन पहले ही बता देना चाहिए था कि बस स्टैंड को आईजीएमसी नाला पार्किंग में शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन अचानक से शिफ्ट करने से लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। पार्किंग में बिना सुविधाओं के बस अड्डा शिफ्ट नहीं करना चाहिए। पानी और शौचालय की सुविधा सबसे जरूरी है लेकिन पार्किंग इस चीज की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है।वहीं लोगों का कहना है कि पार्किंग में शिफ्ट किए गए बस स्टैंड में बसों की समयसारणी का भी कोई टेबल नहीं लगा है जिससे लोगों को बस का समय पता करने में भी दिक्कत आ रही है।

 

वहीं बता दे कि लक्कड़ बाजार बस अड्डे से रोजाना 250 लोकल और लांग रूट बसें चलती हैं। शहर की मुद्रिका रूट पर चलने वाली एचआरटीसी और प्राइवेट बसों के अलावा ऊपरी शिमला के अलावा किन्नौर, सुन्नी बसंतपुर और करसोग रूट पर इस अड्डे से बसें रवाना होती हैं।इससे पहले भी इसे तदो माह पूर्व स्थानांतरित किया जा रहा था लेकिन लोगो व दुकानदारो के विरोध के चलते यह आदेश नही हुए।दुकानदार इस बाबत शहरी विकास मंत्री से भी मिले थे जिसके कारण उस समय इसे स्थानांतरित नही किया गया था।