हिमाचल प्रदेश वन विभाग के फारेस्ट विंग ने आज शिमला में मिडिया के लिए एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. जिसमें किसी भी वन्य जीवों व मनुष्यों के बीच विवाद को किस तरह से कम किया जाए ओर आपदा की स्थिति में किस तरह से लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई जाए ताकि लोगों में भय की स्थिति पैदा न हो इसके लिए जानकारी साझाँ की गई.
प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्यप्राणी प्रभाग (वन विभाग) राजीव कुमार ने बताया कि किसी जगह अगर तेंदुआ देखा जाता हैं तो मिडिया के माध्यम से लोगों में भय पैदा न हो बल्कि लोगों को ऐसी स्थिति में क्या करना हैं इसकी जानकारी होनी चाहिए. खबरों से लोगों में कोई सनसनी न फैले बल्कि लोगों को ऐसी स्थिति से कैसे निपटना हैं इसकी जानकारी पहुंचना आवश्यक हैं. उन्होंने बताया कि जहाँ भी तेंदुआ देखा जाता हैं हैं तो ऐसे में लोगों को अकेले वहाँ नहीं जाना चाहिए. रात के समय जरूरी हो तो साथ में रोशनी या आग होनी चाहिए. लोगों में दहशत न फैले इसके लिए क्या करें ओर क्या न करें इसकी जानकारी विभाग विभिन्न माध्यमो से लोगों को देता रहता हैं. उन्होंने बताया की हिमाचल में लाहौल स्पीति,पांगी व कई अन्य स्थानों पर स्नोलेपर्ड पाया जाता हैं.सर्वे में पाया गया हैं कि प्रदेश में 52 से 73 के बीच स्नो लेपर्ड हैं.