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PET-CT स्कैन के लिए चार महीने के इंतजार के साथ PGI चंडीगढ़ में खर्चने पड़ते हैं 25 हजार रुपए

लाइलाज, सही समय पर सही इलाज बचा सकता है

हर साल हजारों लोग दे रहे कैंसर को मात

विजयगाथा में मरीजों ने सुनाई आपबीती, स्वस्थ होने के बाद सुनाई वीरगाथा

मरीजों की मांग अस्पताल में उपलब्ध हो PET-CT स्कैन की सुविधा

PET-CT स्कैन के लिए चार महीने के इंतजार के साथ PGI चंडीगढ़ में खर्चने पड़ते हैं 25 हजार रुपए

कैंसर… एक ऐसा शब्द किसी को भी अंदर तक झकझोड़ कर रख देता है. कैंसर शारीरिक कष्ट से कई ज्यादा मानसिक कष्ट देता है. कैंसर जागरूकता दिवस के मौके पर शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कैंसर को मात देने वाले वीरों के लिए विशेष ‘विजयगाथा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अपनों से दूर चले जाने के डर, आशंका और जीवन की अनिश्चितता के बीच कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई के साथ मानसिक दबाव के बावजूद इन लोगों ने कैंसर को मात दी. इस कार्यक्रम में कैंसर को मात देने वाले मरीजों ने सभी लोगों के साथ अपने अनुभव साझा किए.

कैंसर को मात देने वाले वीरों ने बताया कि कैंसर की बीमारी का नाम सुनते ही उन पर मानसिक दबाव आ गया. साथ ही परिवार के लोग भी अचानक परेशान हो गए, लेकिन समय पर अस्पताल में पहुंच कर इलाज शुरू करने से आज वे पूरी तरह स्वस्थ हो सके हैं. खास बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में कैंसर का इलाज हिमकेयर योजना के तहत पूरी तरह मुफ्त किया जाता है. साथ ही कैंसर मरीजों को सरकार की ओर से सहारा योजना के तहत तीन हजार मासिक पेंशन के साथ प्रदेश भर में यात्रा के लिए बस पास की सुविधा भी दी जाती है. सरकार की ओर से दी जा रही तमाम सुविधाओं के बीच हिमाचल प्रदेश में PET-CT स्कैन की सुविधा नहीं है. इस टेस्ट के लिए मरीजों को PGI चंडीगढ़ में चार महीने के इंतजार के साथ 25 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने साल 2020-21 के बजट में आईजीएमसी अस्पताल के लिए मशीन की प्रावधान की घोषणा की थी, लेकिन बावजूद इसके अब तक अस्पताल में PET-CT स्कैन मशीन नहीं लग सकी है. भविष्य में यदि सरकार इस और काम करती है तो प्रदेश में कैंसर मरीजों का इलाज अधिक सुगम हो सकेगा.